Monday, December 29, 2008

कौन कहता है की मंदी छाई है ? आतंकवाद की दूकान तो चल रही है .

दोस्तों आज कल व्यापार में वैश्विक मंदी की बात बहुत चल रही है ,सभी तरफ़ यह एक गरम चर्चा है । हमारे देश का मीडिया जो कल तक महंगाई से अपने अखबार रंगते थे या टी.व् पर धुँआधार प्रोग्राम लाते थे इस विषय पर ,अब मंदी की परिचर्चा में मशगूल हैं ।
परन्तु मंदी का असर सभी प्रकार के व्यापार पर नहीं है और जिन्होंने आतंकवाद या उससे जुड़े विभिन्न प्रकार की विषय अथवा चीज़ों की दूकान खोल रखी उनका धंधा तो चमक गया है।अब आप कहेंगे की आतंकवाद कब से व्यापर हो ग्या ? मेरे ख़याल से शायद यह अमेरिका की फ्री मार्केट इकोनोमी का असर है क्योंकि जब से आतंकवाद का भय अमेरिका पर आया है तो शायद उस पर भी अमेरिकी असर आना लाज़मी है।
अब देकिहिये की अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की इराक और अफगानिस्तान आदि देशों में किस प्रकार विभिन्न तरह की दुक्कानें चल निकली हैं ।
चलिए अब अपने मुल्क की बातें करते हैं यहाँ सर्वप्रथम तो हमारे देश के लोकतंत्र के प्रहरी मीडिया की दुकान तो आजकल बहुत हे भलीभांति चल रही है अब तो न्यूज़ देखना और न्यूज़ पेपर पढ़ना प्रत्येक नागरिक के लिए ज़रूरी हो गया है सभी सबसे पहले अआतान्क्वाद से जुड़ी ख़बरों को ढूंढते हैं । खूब सारे विशेष परिशिष्ट छपे और टी.व् पर तो इस तरह के प्रोग्राम तो पिछले दिनों करीब करीब २४ घंटे हे चलते रहे और दर्शकों ने भी बहुत सरहाया इसका मतलब टी आर पी बढ़ी और उसका मतलब तो आप सभी जानते हे हैं।
इसके बाद तो अपने लोकतंत्र के सबसे जीवंत चेहरे हमारे राजनेताओं भी इसी प्रकार की काफ़ी सारी दुकान खोल डालीं जो की बहुत ही ज़ोर से चलीं , परन्तु उनमें दुर्भाग्य से एका नहीं था और सभी किसी न किसी प्रकार से दूसरों की दुकान बंद कराने के प्रयास में दिखे। हमारे मोदी जी हों या मनमोहन जी हों सभी खूब बरसे परन्तु सुपर हिट दुकान तो अंतुले जी की ही चली उनकी दुकान पर लेटेस्ट माल जो था और काफ़ी समय से ग्राहकों को तरसती उनकी दुकान जो किसी समय सीमेंट बेचा करती थी गुलज़ार हो गई।
अब बात करते हैं जनमानस और हमारे बीच में प्रमुखता पाने वाले समाजसेवियों और अन जी ओ के कार्यकर्ताओं की श्रद्धांजलि सभा के रूप में दुकान चल निकली मेरे सहर आगरा में एक हे संगठन ने एक ही जगह पिछले एक माह में कई सभाएँ कर डाली गयीं । इस प्रकार स्वम्भू समाज सेवकों को अपना सहरा चमक्काने का मौका मिल गया और इस से होने वाले फायदे से तो आप सभी परिचित होंगे।
मित्रों आवश्यक कार्य आने के कारन मुझे तो अपनी दुकान पर जाना ही होगा और मैं अपनी विचारों की इस उद्दंडता को यहीं रोकता हूँ।
जय हिंद
जय भारत