Saturday, January 9, 2010

सर्दी कोहरा और हम.

मित्रों ,
पिछले दिनों से हम सभी ख़ास कर के उत्तर भारतीय लोग सर्दी की बेरहम मार से परेशान हैं। देखिये किस प्रकार कोहरे ने हमारे देश की परिवहन व्यवस्था को गड़बड़ा दिया है , शायद कोहरे में बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी ही कहीं भी पहुँचने की गारंटी हैं , क्योंकि अब कार से सफ़र तो मुश्किल है, और शायद रेल से १०-१२ घंटे की देरी से पहुँच जाएँ परन्तु हवाई जहाज उड़ान भरेगा की नहीं कह नहीं सकते। हमारे देश की सेना सियाचिन और कारगिल में दुश्मन का सामना कर सकती है, परन्तु हमारी रेल और हवाई यातायात व्यवस्था कोहरे की दया पर मोहताज़ है।
परन्तु हमारे मीडिया वालों पर तो सर्दी और कोहरा दयावान है उनको तो अपनी ख़बरों को बेचने के लिए एक नया मसाला मिल गया है। हर बार सर्दी के नए रिकॉर्ड बनते हैं जिससे की हम लोग बड़े ध्यान से देखते हैं या पढ़ते हैं । खैर कुछ भी हो मुझे तो सर्दियों का मौसम खाने और पीने के हिसाब से अति उत्तम लगता है। ढेरों गरम -गरम पकवान और सूप , चाय या काफी की चुस्कियों का क्या कहना।
तो मित्रों मज़े करिए सर्दी और कोहरे का आनंद लीजिये और विशेष रूप से अपने सर्वश्रेष्ठ ऊनी परिधानों को पहन कर के इठला के खूब घूमें और मज़ा करें.