Friday, December 4, 2009

हिन्दी ब्लॉग पर विज्ञापन क्यों नहीं ?

मित्रों और हिन्दी ब्लॉग्गिंग की दुनिया के साथियों ,
क्या यह एक प्रकार का भाषाई भेदभाव नहीं है कि गूगल जो कि ब्लॉगर.कॉम की मातृ संस्था है , वोह मेरे जैसे ब्लॉग पर सिर्फ़ इसीलिए विज्ञापन नहीं देती क्योंकि हम हिन्दी भाषा में ब्लॉग लिख रहे हैं। मित्रों मेरी पूरी शिक्षा अंग्रेज़ी माध्यम से हुई और अंग्रेज़ी पर मेरा अच्छाकमांड है परन्तु ब्लॉग की शुरुआत करते समय मैंने सोचा की जब मेरे मन में खयालात और मेरे मन के विचारों को उदगम मेरे मष्तिष्क में हिन्दी में होता है तो क्यों न मैं हिन्दी में ही लिखूं। वैसे तो मैं अपने आप को कोई बहुत प्रतिभाशाली ब्लॉगर नहीं मानता परन्तु गूगल द्वारा मेरे ब्लॉग पर सिर्फ़ इसीलिए विज्ञापन देना मना कर दिया गया क्योंकि मेरी भाषा हिन्दी है मेरी थोड़ी सी प्रतिभा और लेखी और मेरी मात्रभाषा का असम्मान है। यदि किसी अन्य कारण से वोह मना करते जैसे की मेरे ब्लॉग की पाठक संख्या कम है इत्यादि तो मैं समझ सकता परन्तु सिर्फ़ इसलिए की हमारा ब्लॉग हिन्दी में है यह बहाना तो हम हिंदीभाषियों की शान के ख़िलाफ़ है। मैं बड़ी उत्सुकता से आप सभी की प्रतिक्रया का इंतज़ार करूंगा.

Tuesday, December 1, 2009

चलो सड़क जम करते हैं .

मित्रों
हम सभी लोग जो अपने अपने प्रान्तों के क्षेत्रीय अखबार पढ़ते हैं , प्रतिदिन की ख़बरों में अपने -अपने क्षेत्र में लगने वाले रोड जामकी ख़बरको प्रमुखता से पाते हैं। अब तो कुछ भी हो जाए रोड जाम करने का उपाय भी बढ़िया है। कोई दुर्घटना हो जाए तो जाम आवश्यक है परन्तु साथ ही में बिजली या पानी न आने पर , किसी लड़के द्वारा किसी लड़की को भगाए जाने पर, किसी भी सरकारी फैसले का विरोध करने के लिए, स्कूल या कॉलेज में किसी भी समस्या के होने पर, किसी भी प्रतिष्ठान में वेतन बढ़ाने के लिए , और कल के समाचार पत्र के अनुसार भैंस के ,talaab में डूब के मर जाने पर , hospital में ilaaz के दौरान मर जाने पर , gaaon में baarish या toofan या सूखे से फसल ख़राब हो जाने पर , किसी neta की giraftaari या usaki मृत्यु हो जाने पर ,ityaadi ,ityaadi ityaadi । चलिए अब apani बातचीत को alpviraam detaa हूँ पुनः एक बार फिर आपके सामने अन्य विषय ज़रूर प्रस्तुत करूंगा.