मित्रों ,
मैं आज शाहरुख़ खान और उनके सहयोगी करन जोहर को विशेष बधाई देना चाहता हूँ क्योंकि उन्होंने एक असंवैधानिक और किसी मायने में गैर कानूनी शक्ति जो की मुंबई में शिव सेना के रूप में हमारे सामने है,उसके सामने घुटने टेकने से इनकार कर एक मिसाल पेश करी। मैं पिछले कई दिनों से यह इंतज़ार कर रहा था की कब शाहरुख़ ठाकरे परिवार से शिष्टाचार मुलाक़ात की आड़ में मिल कर क्षमा याचना करते हैं , क्योंकि मुझे लगा उनकी फिल्म माई नेम इज खान को अछि भली पब्लिसिटी मिल गयी है और एक अच्छे व्यापारी के रूप में वोह ठाकरे की धमकियों के आगे झुक जायेंगे .परन्तु उन्होंने अपना जो रुख बनाया है वोह तारीफ के काबिल है और बॉलीवुड फिल्मों की दीवानी जनता ने उनका पूरा साथ दिया।
साथ ही मैं शरद पवार से बहुत मायूस हूँ क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र की एक बड़ी राजनितिक ताकत और एक लोकप्रिय नेता होने के बावजूद घुटने टेक दिए। लेकिन कोई बात नहीं क्योंकि यह तो राजनीतिकों की आम बात है।
पर मुझे ख़ुशी है की चालों कहीं तो अभिनेता नेता से मजबूत साबित हुआ.
No comments:
Post a Comment